Li-Fi technology क्या है और यह कैसे काम करता है, Li-Fi vs Wi-Fi

Li-Fi technology: दोस्तों आज के इंटरनेट की दुनिया में या कहे तो इंटरनेट के ज़माने में बहुत सी ऐसी चीजे है जिनके बारे में अभी तक आम लोगो को पता नहीं है लेकिन उन्ही चीजों का इस्तेमाल या तो कुछ लोग कर रहे है या फिर वह चीजे तो बन चुकी है लेकिन उन चीजों का इस्तेमाल आम लोगो के लिए काफी ज्यादा महंगा साबित हो सकता है। ऐसा ही आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से टेक्नोलॉजी के एक नए आविष्कार के बारे में बताने जा रहे है।

दोस्तों आपने Wi-fi का इस्तेमाल तो अपनी पूरी ज़िन्दगी में कभी न कभी तो किया होगा। और अगर नहीं किया तो इसके बारे में तो कही से सुना जरूर होगा। और ये Wi-fi आज के समय में चाहे हमें कोई फिल्म देखना हो या वीडियो गेम खेलना हो उसके लिए हमें इसकी जरूरत पड़ती है क्यूंकि आम इंटरनेट के मुकाबले Wi-fi की स्पीड काफी ज्यादा तेज होती है।

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तो दोस्तों ऐसा ही एक और वायरलेस कम्युनिकेटिंग का माध्यम है जिसे हम Li-Fi के नाम से जानते है। और यह वायरलेस संचार का एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से हम अपने डाटा को एक जगह से दूसरी जगह तक ट्रांसफर करने के लिए Li-Fi करते है और यह Li-Fi डाटा को एक light source के जरिये ट्रांसफर करता है।

तो दोस्तों आज हम आपको विस्तार से इस टेक्नोलॉजी से जुडी कई सवाल के जवाब देने वाले है जैसे की यह Li-Fi क्या है और यह Li-Fi कैसे काम करता है? और इसी के साथ यह Li-Fi किस काम में उपयोग किया जाता है। ऐसे की कुछ आपके प्रश्नो का जवाब हम इस आर्टिकल की मदद से आपको देने जा रहे है।

Li-Fi का इतिहास History of Li-Fi

सबसे पहले हम Li-Fi टेक्नोलॉजी का इतिहास जान लेते है तो 2011 में पहली बार इस Li-Fi टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैराल्ड द्वारा इस Li-Fi टेक्नोलॉजी को TED ग्लोबल टॉक के दौरान प्रस्तुत किया गया था। उन्होंने डाटा को transmit करने लोगो को को यह समझने के लिए एक LED bulb का इस्तेमाल किया था जो LED bulb आज हर किसी के घर पर होता है। और इसी दौरान उन्होंने पहली बार इस Li-Fi शब्द का इस्तेमाल किया था।

और 2012 में उन्होंने पहली बार आधिकारिक तौर पर इसका इस्तेमाल किया था उस समय उन्होंने सिर्फ 10 फुट की दुरी के लिए 130 Mbps की स्पीड से डाटा को transfer किया था। अभी तक इस Li-Fi के माध्यम से अधिकतम 42.2 Gbps की स्पीड से डाटा transmit किया गया है जो की आम Wi-Fi 100 गुना से ज्यादा अधिक है। और आज भी यह टेक्नोलॉजी पूरी उपलब्ध नहीं है क्युकी इसपर अभी सारे शोध होने बाकी है। और जब ये पूरी तरह से तैयार हो जायेगा तो आप इसके स्पीड की कल्पना भी नहीं कर सकते।

Li-Fi  क्या है ? What is Li-Fi in Hindi 

Li-Fi का पूरा नाम Light Fidelity (Li-Fi full form is Light Fidelity ) है। यह एक वायरलेस टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल हम बिना किसी तार के किसी भी डाटा को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकते है। यह टेक्नोलॉजी किसी भी प्रकार के डाटा को ट्रांसफर करने के लिए visible light यांनी की ऐसे प्रकाश का इस्तेमाल करती है जिसे हम देख सकते है।

यह टेक्नोलॉजी light source के जरिये डाटा को transmit करता है और फिर और लाइट सेंसर के द्वारा प्राप्त करता है फिर यह इसे electric signal में अरिवर्तित कर देता है। ये इसलिए क्यूंकि जो visual light होती है उसकी frequency radio waves या फिर कहे तो रेडियो तरंगो से ज्यादा होती है। जो की हमारे Wi-Fi की तुलना में काफी अधिक डाटा को ट्रांसफर कर सकता है

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अगर हम Wi-fi से इसकी तुलना करे तो Li-Fi इससे कई गुना ज्यादा advanced है। क्यूँकि Li-Fi का data transfer rates Wi-fi की तुलना में काफी अधिक है और इसी के साथ साथ इसमें Wi-fi से ज्यादा सिक्योरिटी भी मौजूद है।

Li-Fi टेक्नोलॉजी कैसे काम करता है ?

जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके है की यह Li-Fi टेक्नोलॉजी डाटा को ट्रांसमिट करने के लिए light waves का इस्तेमाल करती है। यह टेक्नोलॉजी किसी भी मनुष्य के पालक झपकने से भी तेज काम करता है। और ये Li-Fi टेक्नोलॉजी एक विशेष प्रकार के LED bulb को बहुत ही तेजी से बंद और चालू कर सकता है। अगर इसे दूसरे उदहारण से समझे तो जैसे हम टीवी चलते समय चैनल बदलते है और वह बहुत ही तेजी से बदल जाता है ठीक उसी तेजी से यह भी काम करता है।

यह टेक्नोलॉजी काफी अधिक सुरक्षित है क्यूंकि यह लाइट के माध्यम पर काम करता है। जैसे की आप एक कमरे में बंद हो और आपके पास Wi-fi और Li-Fi दोनों है लेकिन जैसा कि आपको पता है Wi-fi रेडियो तरंगो के माध्यम से काम करता है इसलिए इसके सिग्नल कमरे से बहार भी चले जाते है और उस लिहाज से यह सुरक्षित नहीं रहता लेकिन Li-Fi इससे बिलकुल उल्टा है यह प्रकाश के तरंगो के माध्यम से काम करता है इसका मतलब इसका प्रकाश एक कमरे से बाहर नहीं जा सकता और अगर बहार नहीं जायेगा तो ये उसी कमरे तक सीमित रह जायेगा जिसकी वजह से यह काफी सुरक्षित हो जाता है।

अगर बात करे इसके components की तो यह LED light source, Photodetector receiver, Modulation unit, Processing unit, Transmitter, Optical lens और Power supply पर काम करता है। लेकिन आज हम इसके इसके 3 मुख्य components के बारे में बात करेंगे जोकि Photo Detector, LED light source और Lamp Driver है।

जैसा की आपको पता है Li – Fi को इंटरनेट की जरूरत तो पड़ती ही है। पहले जो Lamp Driver होता काम जो भी सूचनाएं इंटरनेट से आ रही है उन सूचनाओं को LED light Bulb के माध्यम से Photo Detector तक पहुँचाना होता है , जिसके बाद Photo Detector इस पहुंची हुयी सूचनाएं यह Binary Data में convert कर देता है और फिर इन सभी सूचनाओं को output device तक ट्रांसमिट कर देता है।

Advantage and Disadvantage of Li-Fi Technology

वैसे देखा जाये तो Li-Fi technology के कई फायदे और नुकसान भी है, जो की इस प्रकार है।

AdvantageDisadvantage
Fast data transfer rates: Li-Fi बहुत ही तेज गति से डाटा को ट्रांसमिट कर सकता है जैसा की मैंने आपको बताया था यह आखिरी बार 42.2 Gbps की गति से डाटा को transmit करने में सफल रहा है। और यह गति आम wi-fi की तुलना में भी काफी ज्यादा अधिक है।Limited range: जैसा कि मैंने आपको बताया यह सिर्फ एक कमरे तक सीमित होता है फिर चाहे कमरा छोटा हो या बड़ा जहाँ तक उस कमरे में प्रकाश पहुँच रहा है वही तक ये तकनीक काम करेगा। और यह लम्बी दुरी तक डेटा transmit करने में असफल हो सकता है।
Security: क्योंकि Li-Fi technology डेटा को transmit करने के लिए light source का इस्तेमाल करता है। और जैसा की मने आपको बताया यह एक कमरे से बहार नहीं जा सकता इसलिए यह काफी ज्यादा सुरक्षित है। और अगर इसकी तुलना हम आम wi-fi से करे तो वह radio waves के माध्यम से डेटा transmit करता है जो सुरक्षा के लिहाज से बहुत ज्यादा असुरक्षित है।Compatibility issues: जैसा की आपको पता है जब भी कोई नयी टेक्नोलॉजी आती है तो वह पुराने device पे काम नहीं करती है। ऐसा ही इसके साथ भी हो सकता है और इसलिए इसके लिए सभी नए डिवाइस भी Compatibility होने जरुरी है।
Low energy consumption: यह Li-Fi technology या तकनीक का इस्तेमाल हम उजाला करने और अपने डेटा को एक जगह से दूसरी transmit , मतलब की इन दोनों के लिए इस Li-Fi technology इस्तेमाल कर सकते है जिस वजह से जो प्रकाश या ऊर्जा की खपत है वह कम हो जाता है।High Cost: अब हर वह technology जब भी नया नया आता है उसकी कीमत भी ज्यादा होती है। और फिर यह तो आम Wi-Fi से 100 गुना ज्यादा तेज है तो इसकी कीमत भी आसमान छू सकती है।
High Bandwidth Availability: जैसा कि आप Li-Fi डेटा transmit करने लाइट का इस्तेमाल करता है इसलिए यह उन सभी application में जिनको की बहुत high speed data transfer की जरूरत है उन सभी में High Bandwidth प्रदान कर सकता है।

Difference between Wi-fi and Li-Fi Technology

वैसे तो अभी तक मैंने आपको Li-Fi टेक्नोलॉजी के बारे में साडी जानकारी दे दी है , लेकिन फिर भी अगर आपको समझने में थोड़ा सा दिक्कत हो रही है तो मई आपको Wi-Fi और Li-Fi के बीच कुछ अंतर बता हूँ जोकि निचे दिए गए सारणी में है।

Difference Wi-FiLi-Fi
Transmission Medium
(संचार माध्यम)
Wi-Fi डेटा transmit करने के लिए radio waves या फिर रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करता हैLi-Fi light source का उपयोग करता है
SpeedWi-Fi की स्पीड आमतौर पर 10 Gbps तक ही होता हैLi-Fi की स्पीड 242 Gbps तक है
RangeWi-Fi की रेंज 30 से 40 मीटर तक हो सकती है क्योंकि यह रेडियो तरंगें पर काम करता है इसलिए यह दीवार या किसी और चीज से भी गुजर सकता हैLi-Fi की रेंज का अंदाजा नहीं लगा सकते क्यूंकि यह light waves पर निर्भर करता है अगर इसके बीच में कुछ आ जाये तो इसका कनेक्शन कट जायेगा
Security
(सुरक्षा)
कम सुरक्षितज्यादा सुरक्षित
BandwidthWi-Fi की Bandwidth कम हैLi-Fi की Bandwidth ज्यादा है
AvailabilityWi-Fi आमतौर पर किसी भी स्थान पर मिल सकता हैLi-Fi टेक्नोलॉजी पर अभी काम जारी है इसलिए यह उपलब्ध नहीं है
Cost
(कीमत)
Wi-Fi हमे कम से कम 500 या उससे भी काम कीमत पर उपलब्ध हो जाता हैइसकी कीमत ज्यादा हो सकती है क्यूँकि यह नयी टेक्नोलॉजी है

 निष्कर्ष

तो दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से Li-Fi technology के बारे में विस्तार से बताया है। साथ ही Li-Fi technology और Wi-Fi technology में भी अंतर बताया है , आशा करते है की आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और इस टेक्नोलॉजी को समझने में भी आपको काफी आसानी हुयी होगी। उम्मीद करते है कि भविष्य में आप हमारे और भी आर्टिक्ल पढ़े।
धन्यवाद !

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