GPS क्या होता है और GPS कैसे काम करता है 2023

दोस्तों आपने कभी न कभी GPS के बारे में तो सुना ही होगा या फिर आपने GPS का इस्तेमाल तो किया ही होगा। वैसे तो आज के समय में जीपीएस हमारे जीवन का एक अहम् हिस्सा बन चुका है। और बने भी क्यों न क्यूंकि इसके इस्तेमाल से हमें काफी चीजों के बारे में जानकारी मिलती है।

अगर आपको कही जाना है और वहां का रास्ता नहीं पता तो आप अपने फ़ोन में GPS को enable करके google map के जरिये रास्ता पता कर सकते है कि आप सही रस्ते में चल रहे है या नहीं। और आजकल तो गाड़ियों GPS लगा मिलता है ताकि कभी आपकी गाड़ी चोरी हो जाये तो जीपीएस की मदद से आप उसे आसानी से ढूंढ सकते है।

अगर काम शब्दों में GPS को समझाना हो तो यह GPS Technology Navigation के काम आता है। और आजकल लगभग ज्यादातर devices में यह जीपीएस पहले से ही Inbuilt रहता है। तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको जीपीएस से जुड़े कुछ खास बाटे बताने जा रहे है जैसे की GPS का full form क्या है (GPS Full Form In Hindi)। GPS क्या काम आता है या फिर GPS कब बना और इसके पीछे का कारण क्या था। ऐसे ही कुछ सवालो का जवाब हम इस आर्टिकल की मदद से आप तक पहुँचा रहे है।

GPS क्या होता है? What is GPS in Hindi

GPS Full Form – Global Positioning System

जैसा कि आप जीपीएस के नाम से जान सकते है यह एक Global Positioning System है। जोकि पृथ्वी पर उपस्थित किसी भी स्थान के बारे में और सही समय के बारे में जानकारी उपलब्ध करता है। पृथ्वी के कक्ष में लगभग 30 satellites लगे हुए है जोकि इस GPS सिस्टम के लिए काम करती है

और इसी के साथ पृथ्वी पर मौजूद ground control stations का भी एक बहुत बड़ा नेटवर्क है , जोकि जीपीएस सिग्नल को रिसीव करने का काम करती है। जिसकी मदद से हम पृथ्वी पर मौजूद किसी भी लोकेशन या कहे तो किसी जगह या फिर किसी ब्यक्ति और किसी भी वस्तु का जिसमे यह जीपीएस सिस्टम लगा हो उनकी सटीक जानकारी या फिर कहे तो उनकी सही लोकेशन प्राप्त कर सकते है।

और यह GPS सिस्टम आज की तारीख में बिलकुल मुफ्त है क्यूंकि यह पहले से ही हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में आता है। हाँ आगर आप किसी चीज पर इसे लगवाना चाहते है जिस पर यह पहले से उपलब्ध ना हो तो इसके लिए आपको पैसे खर्च करने पड़ सकते है।

GPS

इसकी मदद से अगर आपको किसी ऐसी जगह जाना है जहाँ जाने का रास्ता आपको मालूम नहीं है तो आप अपने मोबाइल फ़ोन या किसी और डिवाइस में जीपीएस सिस्टम को enable करके और गूगल मैप जैसी सुविधाओं से वहां का रास्ता मालूम कर सकते है। और यह गूगल मैप जैसी सुविधा भी जीपीएस सिस्टम पर ही काम करता है। और इसी के साथ आजकल इसका प्रयोग किसी भी वस्तु के खो जाने पर भी किया जाता है।

मान लीजिये आपका फ़ोन खो गया है या फिर चोरी हो गया है तो जीपीएस की मदद से आप अपने फ़ोन को ढूंढ सकते है क्यूंकि आजकल लगभग हर किसी स्मार्ट डिवाइस पर या फिर गाड़ियों पर या फिर आप अपनी मर्जी से किसी भी चीज पर यह जीपीएस सिस्टम लगा सकते है।

GPS का इतिहास History of GPS in Hindi

अगर हम बात करे GPS सिस्टम के इतिहास की तो यह जीपीएस सिस्टम सबसे पहले अमेरिका द्वारा रक्षा विभाग या फिर डिफेन्स के लिए बनाया गया था। लेकिन इसके कुछ समय बाद देखा गया कि इसके उपयोग ये हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में काफी सुधार हो सकता है तो उसके बाद इसे 1983 में आम लोगो के इस्तेमाल के लिए सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराया गया।

1978 में पहले GPS Satellite को पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया था। लेकिन कई साल गुजर जाने के बाद 17 जुलाई 1995 में यह जीपीएस सिस्टम पूरी तरह से अपना काम करने लग गया था।

1978 में पहले GPS Satellite को पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया था। लेकिन कई साल गुजर जाने के बाद 1995 में यह जीपीएस सिस्टम पूरी तरह से अपना काम करने लग गया था। वैसे तो यह जीपीएस सिस्टम सबसे पहले 1960 के समय में बनाया गया था। और यह जीपीएस सिस्टम अमेरिकी सरकार द्वारा लिए बनाया गया था। क्यूंकि अमेरिकी सरकार उस समय हथियारों बेहतर बनाना चाहती थी। और इसी के साथ वह अपने सबमरीन को एडवांस बनाने के लिए के लिए नेविगेशन सिस्टम का इजात करना चाहती थी।

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सबसे पहले जब 1960 में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा इसको बनाने का काम शुरू किया तो उस समय इसका नाम NavSTAR रखा गया था। फिर धीरे धीरे समय बीतने के साथ साथ यह GPS नाम से जाना जाने लगा। और आज के समय में इसे हर कोई जनता है और हर कोई इसका इस्तेमाल रोज करता है। चाहे जाना हो किसी को what’s app के जरिये अपना लोकेशन भेजना हो हर चीज में लोग इसे इस्तेमाल कर रहे है।

जानकारी आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जबसे यह जीपीएस सिस्टम बना था तबसे अमेरिकी उपग्रह द्वारा ही पुरे विश्व में हर किस एक देश को उन्ही के नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ता था क्यूंकि तबसे कुछ समय पहले तक पुरे विश्व में किसी के पास भी GPS सिस्टम का कोई भी satellite मौजूद नहीं था। लेकिन अगर अभी की बात करे तो पृथ्वी की कक्षा में कुछ देशो के satellite मौजूद है जोकि इसी GPS सिस्टम तकनीक पर कार्य करती है। उन देशो में रूस और चीन शामिल है।

रूस द्वारा भेजे satellite का नाम GLONASS (Globalnaya Navigazionnaya Sputnikovaya Sistema या फिर Global Navigation Satellite System) है। और चीन द्वारा भेजे गए satellite का नाम BeiDou है जोकि Northern Dipper के नाम से भी जाना जाता है।

GPS कैसे काम करता है?

जैसा कि हमने आपको पहले ही जानकारी दी है कि यह GPS (Global Positioning System) पृथ्वी के कक्ष में उपस्थित satellites के एक समूह का प्रयोग करके पृथ्वी पर उपस्थित जीपीएस रिसीवर की मदद से कार्य करता है।

GPS टेक्नोलॉजी triangulation नाम की टेक्नोलॉजी पर कार्य करता है। जोकि location, velocity और elevation को निर्धारित करने के लिए सेटेलाइट से सिग्नल को रिसीव करता है। सबसे पहले हमारे पृथ्वी पर उपस्थित GPS रिसीवर पृथ्वी की कक्षा में मौजूद सबसे निकट के GPS satellites को एक सिग्नल भेजता है की मुझे यह जानकारी चाहिए (जैसे कि किसी जगह का रास्ता )।

उसके बाद पृथ्वी की कक्षा में मौजूद 30 GPS satellite में से सबसे निकटतम का satellite इन सिग्नल को रिसीव करता है और उसके बाद सबसे सटीक जानकारी इकठ्ठा करके पृथ्वी पर मौजूद जीपीएस रिसीवर तक यह जानकारी पंहुचा देता है।

वैसे तो GPS की एक्यूरेसी या कहे तो इसकी सटीकता कई चीजों पर निर्भर कर सकती है। क्यकि कभी कभी यह सही से काम नहीं करता इसके लिए सायद उपग्रह या फिर कहे तो satellites की संख्या या फिर satellites का सही स्थान पर न होना भी हो सकता है।

या फिर किसी और प्रकार की बाधा जैसे कि इन GPS सिग्नल के रास्ते में पेड़ या कोई और घर भी बढ़ा बन सकता है जिससे GPS सिग्नल में कुछ मैया आ सकती है और यह सही से या फिर उतनी सटीकता से काम न करे। जैसे की कभी कभी हमारा लोकेशन कुछ और ही होता है और इस जीपीएस में कुछ और ही बताता है यह इन्ही सब कारणों की वजह से हो सकता है।

GPS System का उपयोग

GPS सिस्टम का उपयोग तो हम आपको पहले भी बता चुके है कि यह टेक्नोलॉजी कई जगहों पर इस्तेमाल की जा सकती है। जैसे कि किसी भी प्रकार के ब्यवसाय या फिर परिवहन (Transportation) जैसे कई और अन्य महत्वपूर्ण किया जा सकता है, निचे कुछ उदाहरण दिए गए है।

  • Navigation: जीपीएस का इस्तेमाल आजकल वाहनों या स्मार्टफोन में लोकेशन का पता जानने के लिए लिए बहुत ज्यादा मात्रा में किया जाता है।
  • Mapping: इसका उपयोग किसी जगह का नक्सा बनाना या फिर किसी भी तरह के निर्माण का सटीकता से जानकारी उपलब्ध किया जा सकता है। जैसे की अगर कोई मेट्रो बन बन रहा तो वह किस जगह से होकर गुजरेगा या फिर कौन सा वाहन किस जगह से होकर गुजरा इसका भी हम मानचित्र या फिर कहे तो mapping कर सकते है।
  • Rescue or Search Operation: GPS technology का सही तरीके से उपयोग खोज और बचाव दलों द्वारा लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है और किया भी जाता है।
  • Aviation: इसका उपयोग हवाई जहाजों या कहे तो विमानों में उनका लोकेशन या फिर नेविगेशन के लिए किया जाता है। ताकि वह सही प्रकार से लैंडिंग या फिर अपने स्थान तक पहुंच सके।

GPS System से संबंधित सुरक्षा चिंताएं

GPS tracking का इस्तेमाल और इसकी लोकप्रियता दिनों दिन बहुत तेजी से बढ़ रही है जिसकी वजह सुरक्षा के लिहाज से भी थोड़ा चिंता का विषय बनता जा रहा है। कुछ Privacy and security जैसी बहुत ही ज्यादा सुरक्षित रहने वाली चीजों पर इसका काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है जोकि इस प्रकार है।

  • Location Privacy: GPS tracking सिस्टम किसी भी व्यक्ति के स्थान का पता कर सकती है। कोई भी जीपीएस के जरिये किसी की लोकेशन का पता करके उसे परशान कर सकता है या फिर उसपे नजर रखा सकता है की वह व्यक्ति कब क्या करता है, कहाँ जाता है और यह उस व्यक्ति के लिए यह खतरे का विषय बन सकता है।
  • Data security: इस GPS के जरिये किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन के बारे में और उसके स्थान जैसे कई महत्वपूर्ण जानकारियां कोई और व्यक्ति जान सकता है। इससे उस व्यक्ति की पहचान तक चोरी हो सकती है। इसलिए सायद यह सबसे बड़ा विषय हो सकता है।
  • Inaccuracy: GPS हमेशा से ही इतना मददगार साबित नहीं हुआ है यह कभी भी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं करता है। जैसे की अपने कई बार सुना होगा जीपीएस की मदद से गूगल मैप ने गलत रास्ता दिखा दिया और लोग जंगलो में फास जाते है और कई लोगो की जान पर भी बन आती है।
  • Misuse Data: इसकी मदद से कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का डाटा चुरा सकता है और उसका गलत तरीके से इस्तेमाल भी कर सकता है।

निष्कर्ष

दोस्तों जीपीएस के बारे में आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से काफी ज्यादा जानकारियाँ उपलब्ध कराई है। उम्मीद करते है कि GPS Technology या फिर GPS system से जुड़े सभी प्रश्नो का जवाब आपको इस आर्टिकल की मदद से मिल गया होगा। अगर आपका कोई और भी सवाल है तो आप हमें इस आर्टिकल के निचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके बता सकते है। और अगर आपका कोई सुझाव हो तो वह भी हमें जरूर बताइयेगा। और ऐसे ही जानकारियों के लिए हमारा वेबसाइट www.Centrokerala.com को दूसरी बार जरूर विजिट करे।

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